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Maharana Pratap महाराणा प्रताप सिंह को “इन्दोत्कर्ष” कहा जाता है, जिसका अर्थ है “नौ बार विजयी”। यह नाम उन्हें उनके कई युद्धों में विजय प्राप्त करने के कारण दिया गया था। उन्होंने मुगल सम्राट अकबर के खिलाफ कई युद्ध लड़े और कभी भी हार नहीं मानी। हल्दीघाटी का युद्ध, जो महाराणा प्रताप और अकबर की सेनाओं के बीच लड़ा गया था, भारतीय इतिहास में सबसे प्रसिद्ध युद्धों में से एक है। महाराणा प्रताप की सेना अकबर की सेना से बहुत छोटी थी, लेकिन उन्होंने वीरता से लड़ाई लड़ी और अंत में हार मान ली। महाराणा प्रताप को भारतीय इतिहास में एक महान योद्धा और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किया जाता है।
Maharana Pratap महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुम्भलगढ़ में हुआ था। उनके पिता महाराणा उदय सिंह द्वितीय थे। महाराणा प्रताप ने बचपन से ही युद्ध कला में महारत हासिल की थी। उन्होंने अपने पिता से भी युद्ध कला सीखी थी।
1572 में Maharana Pratap महाराणा प्रताप ने अपने पिता की मृत्यु के बाद मेवाड़ की गद्दी संभाली। उस समय मेवाड़ पर मुगलों का हमला हो रहा था। महाराणा प्रताप ने मुगलों से लोहा लिया और उन्हें कई बार पराजित किया।
1576 में Maharana Pratap महाराणा प्रताप और मुगल सेना के बीच हल्दीघाटी का युद्ध हुआ। यह युद्ध 18 जून को हुआ था। इस युद्ध में महाराणा प्रताप की सेना मुगल सेना से कम थी, लेकिन महाराणा प्रताप ने वीरतापूर्वक लड़ाई लड़ी। इस युद्ध में महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की भी मृत्यु हो गई थी। लेकिन महाराणा प्रताप युद्ध से नहीं भागे और उन्होंने मुगल सेना को भारी नुकसान पहुंचाया।
हल्दीघाटी के युद्ध के बाद Maharana Pratap महाराणा प्रताप ने कई सालों तक मुगलों से संघर्ष किया। उन्होंने कई बार मुगल सेना को पराजित किया। लेकिन अंत में 19 जनवरी 1597 को महाराणा प्रताप का निधन हो गया।
Maharana Pratap एक महान योद्धा और राजा थे। उन्होंने अपने जीवन में नौ बार मुगल सेना से युद्ध किया और हर बार उन्हें पराजित किया। उन्होंने एक बार अकबर की विशाल सेना को भी पराजित किया, जो उस समय की सबसे शक्तिशाली सेना थी। महाराणा प्रताप ने अपनी वीरता और शौर्य से मेवाड़ की रक्षा की और उन्हें एक स्वतंत्र राज्य के रूप में बनाए रखा। आज भी महाराणा प्रताप को एक महान योद्धा और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किया जाता है।